मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से की मुलाकात, वन भूमि हस्तान्तरण समेत कई मुद्दों की चर्चा .

देहरादून(हिल न्यूज़ लाइव): मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से भेंट कर उन्हें पुनः पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का दायित्व मिलने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है कि उनके कुशल नेतृत्व में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री को अवगत कराया कि वर्तमान में जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का कार्य गतिमान है। जिसके लिए वन विभाग की 87.0815 हे0 भूमि का हस्तान्तरण किया जाना है। 

उन्होंने कहा कि जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु जौलीग्रान्ट के आस-पास के क्षेत्रों की कुल 96.2182 हे० भूमि में से 87.0815 हे0 भूमि वन विभाग की भी अधिग्रहण की जानी है।

उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में मा० उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार/वन विभाग के पक्ष में निर्णय पारित किया जा चुका है। मा० न्यायालय के उक्त निर्णय के उपरान्त जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट के विस्तारण हेतु वन विभाग की उक्त 87.0815 हे० भूमि नागरिक विभाग को हस्तान्तरण करने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं है।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री को यह भी अवगत कराया कि वर्तमान में जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट से काठमाण्डू (नेपाल) के लिए वायुयान सेवा संचालित किए जाने के लिए निविदा की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। जिसके दृष्टिगत जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट को अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा का दर्जा देने की कार्यवाही को गति देने की नितान्त आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि उत्तराखण्ड के विशिष्ठ भौगोलिक, सामरिक महत्व तथा पर्वतीय क्षेत्र में आम जनमानस को मूलभूत सुविधा प्रदान किए जाने के उद्देश्य से भारत सरकार के उपक्रमों द्वारा कराए जा रहे गैर वानिकी परियोजना हेतु पूर्व की भांति राज्य में उपलब्ध ‘अधिसूचित अवनत वन भूमि’ में क्षतिपूरक वृक्षारोपण कराए जाने तथा इन सभी प्रयोजन के लिए गतिमान वन भूमि हस्तान्तरण प्रस्तावों पर अनुमोदन प्रदान किया जाए।

इस दौरान ने मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री से जनपद रुद्रप्रयाग के विधानसभा क्षेत्र केदारनाथ के अंतर्गत चोपता (तल्लानागपुर) में राजकीय पॉलीटेक्निक चोपता की स्थापना हेतु पूर्व में राजस्व ग्राम कुंडा दानकोट में चयनित 2 हेक्टेयर वन भूमि को हस्तांतरण करने का अनुरोध किया।